Source: legaltoday.in

केरल हाईकोर्ट ने कहा कि इस्लाम में बहु विवाह तभी मान्य है जब पति सभी पत्नियों के साथ न्याय और भरण-पोषण की क्षमता रखे। अदालत ने कुरान की आयतों का हवाला देते हुए बहु विवाह को अपवाद बताया और राज्य को परित्यक्त महिलाओं की सुरक्षा का निर्देश दिया। केरल हाईकोर्ट की टिप्पणी: इस्लाम में बहु